व्यथित मन चूल्हा फूंकने में पड़ा है , जलती हुई लकड़ी धुएं के गुबार से निकले आसुओं व्यथित मन चूल्हा फूंकने में पड़ा है , जलती हुई लकड़ी धुएं के गुबार से ...
हुआ जन्म बेटी का घर में नहीं बधाई गीत हुए, पर वंशवेल बढ़ाने को देवी पूजन और यज्ञ हुए हुआ जन्म बेटी का घर में नहीं बधाई गीत हुए, पर वंशवेल बढ़ाने को देवी पूज...
अब जगो और खोल दो गाँठ इनके सब काले धंधों की। अब जगो और खोल दो गाँठ इनके सब काले धंधों की।
तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
वायु को शुद्ध बनाना है। पर्यावरण बचाना हैं।। वायु को शुद्ध बनाना है। पर्यावरण बचाना हैं।।
मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे! मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे!